"Wernher von Braun Biography in Hindi – चंद्रमा मिशन के जनक की कहानी"
Born
23 Mar 1912
Wyrzysk, Poland
वर्नर वॉन ब्राउन: जीवन परिचय
परिचय
वर्नर वॉन ब्राउन (Wernher von Braun) को आधुनिक रॉकेट विज्ञान का जनक कहा जाता है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी के लिए V-2 रॉकेट बनाया और बाद में अमेरिका में जाकर NASA के लिए सैटर्न V रॉकेट विकसित किया, जिसने इंसानों को चंद्रमा तक पहुंचाया। उनका जीवन विज्ञान, युद्ध, नैतिकता और खोज की एक जटिल कहानी है।
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1. प्रारंभिक जीवन एवं परिवार
जन्म
वर्नर वॉन ब्राउन का जन्म और शिक्षा
वर्नर वॉन ब्राउन का जन्म 23 मार्च 1912 को जर्मनी के वाइज़बलिंग (Wirsitz) शहर में हुआ, जो अब पोलैंड का हिस्सा है। वे एक कुलीन और शिक्षित परिवार से आते थे।
माता-पिता
पिता: मैग्नस वॉन ब्राउन (Magnus von Braun) – वे एक सरकारी अधिकारी और बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत थे।
माता: एम्मी वॉन क्विस्टोर्फ़ (Emmy von Quistorp) – वे एक शिक्षित महिला थीं और उन्हें संगीत और खगोल विज्ञान में रुचि थी।
उनकी माँ ने ही उन्हें खगोल विज्ञान (Astronomy) में रुचि लेने के लिए प्रेरित किया।
भाई-बहन
वर्नर के दो भाई थे:
1. मैग्नस वॉन ब्राउन (Magnus von Braun) – जो उनके साथ बाद में अमेरिका चले गए।
2. सिगिस्मंड वॉन ब्राउन (Sigismund von Braun)
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2. शिक्षा और विज्ञान में रुचि
प्रारंभिक शिक्षा
वॉन ब्राउन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बर्लिन और अन्य शहरों के स्कूलों से की। बचपन में वे गणित और भौतिकी में बहुत अच्छे नहीं थे, लेकिन जब उन्हें गैलीलियो गैलीली (Galileo Galilei) और जोहानेस केपलर (Johannes Kepler) की किताबें मिलीं, तो उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान में गहरी रुचि लेनी शुरू कर दी।
कॉलेज और उच्च शिक्षा
बर्लिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Technical University of Berlin): उन्होंने यहीं से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
फ्रेडरिक विल्हेम यूनिवर्सिटी (Frederick William University, Berlin): यहाँ से उन्होंने भौतिकी में पीएचडी (PhD) की।
शिक्षकों का प्रभाव:
उन्होंने प्रसिद्ध वैज्ञानिक हर्मन ओबरथ (Hermann Oberth) के साथ मिलकर काम किया, जो रॉकेट विज्ञान के अग्रणी शोधकर्ता थे।
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3. नाजी जर्मनी और V-2 रॉकेट
NASA में वर्नर वॉन ब्राउन का योगदान
1930 के दशक में, हिटलर की नाजी सरकार ने रॉकेट विज्ञान में रुचि दिखानी शुरू की। वर्नर वॉन ब्राउन को जर्मन सेना ने "Peenemünde Army Research Center" में रॉकेट विकसित करने के लिए नियुक्त किया।
V-2 रॉकेट का विकास
उन्होंने नाजी जर्मनी के लिए V-2 रॉकेट बनाया, जो दुनिया की पहली बैलिस्टिक मिसाइल थी। इसे 1944-45 में लंदन और बेल्जियम के कई शहरों पर हमले के लिए इस्तेमाल किया गया।
नाजी पार्टी की सदस्यता
हालांकि वॉन ब्राउन ने दावा किया कि वे केवल विज्ञान में रुचि रखते थे, लेकिन वे 1937 में नाजी पार्टी के सदस्य बने और 1940 में SS (Schutzstaffel) के अधिकारी भी बने।
युद्ध के अंत में गिरफ्तार
1945 में, जब जर्मनी युद्ध हारने लगा, तो उन्होंने अमेरिकी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
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4. ऑपरेशन पेपरक्लिप और अमेरिका में करियर
अमेरिका जाना
अमेरिकी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद Operation Paperclip के तहत वॉन ब्राउन और उनके 1,600 वैज्ञानिकों को अमेरिका बुलाया।
NASA और चंद्रमा मिशन
1950 के दशक में उन्होंने अमेरिकी सेना के लिए बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम किया। जब 1958 में NASA बना, तो वे इसके प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक बने।
सैटर्न V रॉकेट और अपोलो मिशन
वॉन ब्राउन की सबसे बड़ी उपलब्धि Saturn V रॉकेट था, जिसने 1969 में अपोलो 11 मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन को चंद्रमा पर पहुंचाया।
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5. निजी जीवन
विवाह और परिवार
पत्नी: मारिया लुइस वॉन क्विस्टोर्फ (Maria Luise von Quistorp) – वे उनकी दूर की रिश्तेदार भी थीं।
शादी की तारीख: 1 मार्च 1947
बच्चे:
इरिस केरेन वॉन ब्राउन (Iris Careen von Braun)
पीटर कांस्टेंटिन वॉन ब्राउन (Peter Constantine von Braun)
रुचियां और आदतें
उन्हें संगीत पसंद था और वे पियानो और सेलो बजाते थे।
वे खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष यात्रा पर किताबें पढ़ते थे।
वे एक अच्छे वक्ता थे और सार्वजनिक भाषणों में विज्ञान को सरल भाषा में समझाने की क्षमता रखते थे।
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खान-पान
वॉन ब्राउन जर्मन भोजन पसंद करते थे, खासकर सॉसेज, ब्रेड और बीयर।
अमेरिका में उन्होंने हल्का पश्चिमी भोजन खाना शुरू किया।
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6. बाद के वर्ष और मृत्यु
NASA छोड़ना
1970 के दशक में, जब अमेरिकी सरकार ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों का बजट घटाया, तो वॉन ब्राउन NASA से अलग हो गए और निजी कंपनियों में काम करने लगे।
बीमारी और निधन
1973 में उन्हें कैंसर हो गया।
16 जून 1977 को 65 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई।
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7. विरासत और योगदान
मुख्य उपलब्धियाँ
V-2 रॉकेट का विकास
NASA के साथ मिलकर अपोलो 11 मिशन को सफल बनाना
चंद्रमा पर इंसान भेजने में योगदान
सम्मान और पुरस्कार
National Medal of Science (1975)
NASA Distinguished Service Medal
उनकी सोच और दृष्टिकोण
वॉन ब्राउन हमेशा कहते थे:
"Man belongs wherever he wants to go, and he'll do plenty well when he gets there."
(अर्थात "मनुष्य वहां तक पहुंच सकता है जहां वह जाना चाहता है, और वह वहां अच्छी तरह सफल होगा।")
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निष्कर्ष
वर्नर वॉन ब्राउन का जीवन विज्ञान, युद्ध और अंतरिक्ष यात्रा के मिश्रण की कहानी है। उन्होंने ना
जी जर्मनी के लिए घातक हथियार बनाए, लेकिन बाद में उन्होंने मानवता को चंद्रमा तक पहुंचाने में मदद की। वे उन गिने-चुने वैज्ञानिकों में से थे, जिन्होंने इतिहास की दिशा बदल दी।
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